हमें अपने कर्मों की निर्जरा करके अगले भव को सुधारने का प्रयास करना चाहिए - साध्वी भगवंत डॉ अमृतरसा श्री जी

पीपली बाजार उपाश्रय में धर्मसभा संबोधित करते हुए साध्वी भगवंत डॉ अमृतरसा श्री जी ने शत्रुंजय तीर्थ की महिमा भी बताई
जावरा. बहुत सारी बाधाओं को पार करके हमने मनुष्य जीवन पाया है। एक इंद्रीय से हम पंचेंद्रीय हो गए। 2000 सागरोपम में हमे मनुष्य जीवन केवल 48 बार मिलता है। इसमें भी जिनशासन मात्र 5 बार मिलता है। हम अनंत बार कीड़े मकोड़े, मक्खी, चींटी आदि के रुप में जन्म लेते हैं। अगर गलती से हम किसी सुक्ष्म जीव की हत्या कर देते है तो भी हमें 10 बार उस जीव के रुप में जन्म लेना पड़ता है। चूंकी जिनशासन हमें केवल पांच बार मिलता है तो हमें इस जीवन को पांचवां ही समझना चाहिए और इस जीवन में हमें अपने कर्मों की निर्जरा कर अपने अगले भव को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। कर्म को कोई शर्म नहीं, कर्म किसी को नहीं छोड़ते। समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कभी नहीं मिलता। फिर भी हम भौतिक चकाचौंध के पीछे भाग रहे है। ना ही हमारे पूर्वज साथ लेकर गए और ना ही हम साथ लेकर जाएंगे। फिर भी हम अपनी आत्मा के कल्याण के बारे में नहीं सोचते। हमें अपनी आत्मा के कल्याण के लिए ममता को छोड़कर समता की शरण में आना होगा।
यह उदगार साध्वी भगवंत डॉ अमृतरसा श्री जी ने पीपली बाजार उपाश्रय में हुई धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे। शत्रुंजय तीर्थ की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि एक बार उस तीर्थ की स्पर्शना करने मात्र से हमारे लिए स्वर्ग के द्वारा खुल जाते है। हर कोई व्यक्ति सिद्ध गिरिराज के दर्शन नहीं कर सकता। अनंत पुण्योदय से ही हमें उनके दर्शन का लाभ मिलता है। प्रवचन के दौरान सामायिक के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि आप सब प्रवचन तो सुन रहे हे लेकिन प्रवचन के दौरान जिन श्रावकों ने सामयिक का लाभ लिया है। उन्हें 14 लोक के जीवों को अभयदान देने जितना लाभ मिलता है। साध्वी भगवंत श्री निरागरसा श्री जी ने साम्रादित्य महाकाव्य के वाचन की शुरुआत की। मीडिया प्रभारी अरविंद जैन एवं अतुल सुराणा ने बताया कि मंगलवार से सिद्धितप की तपस्या आरम्भ होगी। उसके लिए सभी तपस्वियों के लिए कलश की स्थापना होगी और सभी तपस्वियों को कलश दिए जाएंगे। जिसका लाभ श्रीमती हेमलता जी प्रवीण जी विकास जी वन्याक्या परिवार ने लिया। सभी तस्स्वियों के धारणे का लाभ चातुर्मास समिति ने लिया है। श्री संघ अध्यक्ष अजीत चत्तर एवं चातुर्मास समिति अध्यक्ष धर्मेंद्र कोलन ने कहा कि श्री संघ में सिद्धितप तपस्या को लेकर बहुत ही उत्साहजनक वातावरण है। ऐसा लगता है कि इस बार चातुर्मास में रिकॉर्ड तोड़ तपस्याएं होगी।
पीपली बाजार उपाश्रय में मौजूद श्रद्धालु।