बच गई कुर्सी : हरियाखेड़ा सरपंच जितेंद्र पाटीदार इंदौर हाईकोर्ट से स्टे लाए, 15 जुलाई को जिपं सीईओ ने पद से हटा दिया था
ईओडब्ल्यू की टीम ने 23 जनवरी 2025 को 20 हजार रिश्वत के आरोप में पकड़ा था

रतलाम. पिपलौदा क्षेत्र की हरियाखेड़ा पंचायत के सरपंच जितेंद्र पाटीदार की कुर्सी आखिरकार बच गई है। रतलाम निवासी हर्ष इंफ्रास्ट्रक्चर के मैनेजर पिंटू मुनिया की शिकायत पर ईओडब्ल्यू उज्जैन की टीम ने 23 जनवरी 2025 को 20 हजार की रिश्वत के आरोप में सरपंच पाटीदार को गिरफ्तार किया था। मुनिया ने आरोप लगाए थे कि मुरम खनन की एनओसी देने के बदले रिश्तव मांगी। इसी की जांच के बाद जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव ने 15 जुलाई 2025 को मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 40 (1) के तहत पद से पृथक कर दिया था। साथ ही 6 साल की काल अवधि के लिए चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित किया था।
जिला पंचायत सीईओ के इसी आदेश के खिलाफ सरपंच पाटीदार ने हाईकोर्ट इंदौर में रीट पिटिशन दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए 8 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने सरपंच पाटीदार को राहत दी है। हाईकोर्ट ने जिपं सीईओ के 15 जुलाई 2025 वाले आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। स्टे ऑर्डर के बाद गांव में सरपंच जितेंद्र पाटीदार समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाइयां भी बांटी है। भाजपा समर्थित सरपंच पुन: कुर्सी संभालेंगे।